विद्यालय में पहला दिन निबंध - Essay On First Day In School
जब हम किसी भी अजनबी स्थान पर जाते है, तो वहां हमें कुछ समय के लिए अच्छा नहीं लगता है। लेकिन कुछ समय बाद हम वहां के लोगों के साथ बड़ी आसानी से घुल मिल जाते हैं। इसी प्रकार जब नए विद्यालय में हम पहली बार जाते हैं, तो हम विद्यालय, वहां के शिक्षक तथा विद्यार्थियों के बारे में बहुत अधिक सोचते हैं। हम उनसे कुछ समय के लिए बातचीत भी नहीं करते।
मेरा भी आज विद्यालय में पहला दिन था, मैं भी अपने कक्षा के सहपाठियों, शिक्षक के बारे में सोच रहा था। मेरा विद्यालय काफी विशाल था और अत्यधिक सुंदर भी था। विद्यालय में आने के बाद मुझे अपनी कक्षा का पता लगाना था। मेरा एडमिशन उस समय 8वी कक्षा में हुआ था।
जब मैं अपने कक्षा का पता लगाने प्रधानाचार्य के ऑफिस में जा रहा था, तभी मुझे एक अध्यापिका मिली उन्होंने ने मेरे बारे में पूछा। मैंने अपने बारे में परिचय देते हुए यह बताया कि मै अभी 8वी कक्षा का पता लगा हूं। तब उन्होंने मुझे अपने साथ ले जाकर मेरे कक्षा को दिखाया।
मेरे कक्षा में एक अध्यापिका विज्ञान पढ़ा रही थी, मैंने उनसे अंदर आने के लिए इजाजत मांगा। जब मैं अंदर आय तो मेरे कक्षा के अध्यापिका ने मेरे परिचय जानने के बाद बैठने को बोला। जब मैंने देखा कि क्लास की अधिकांश सीटें भरे हुए थे तो मैं पीछे की सीट पर जाकर बैठ गया। कक्षा में विद्यार्थी मुझे अनभिज्ञ ढंग से घुर रहे थे, मैंने उनके तरफ न देखते हुए शांतिपूर्वक बैठे रहा।
मेरे अध्यापिका कक्षा में पढ़ाते वक्त मुझे खड़ा करके कुछ प्रश्नों को पूछा। शुरुआत में तो मै काफी हैरान हो गया लेकिन कुछ समय तक प्रश्नों पर विचार करने के बाद मैंने सही उत्तर दे दिया। जिसके बाद मेरी कक्षा में काफी प्रशंसा होने लगी।
कुछ समय पढ़ने के पश्चात हमारे विद्यालय में लॉन्च हुआ। मैंने अकेले अपने सीट पर बैठकर लॉन्च को करना चालू कर दिया, लेकिन थोड़ी ही देर में कक्षा का एक विद्यार्थी आकर बैठ गया। उसने मेरे बारे में जानकारी लेने के बाद अपना खाना मेरे साथ साझा किया।
मैंने उसके प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए, अपना लॉन्च भी उसके साथ साझा किया। और ऐसे मेरे कक्षा का पहला मित्र मिला। बाद में उसने अनेक छात्रों से मेरा परिचय कराया। मुझे उन सब से मिलकर काफी अच्छा लगा।
विद्यालय की छुट्टी होने के बाद मैं अपने घर पर आ गया लेकिन अभी भी मैं विद्यालय के बारे में सोच रहा था। सच में वह दिन मेरे लिए काफी रोमांचक भरा रहा। मैं अपने विद्यालय का पहला दिन सदैव ही याद रखूंगा।
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विद्यालय में पहला दिन पर निबंध 10 लाइन
- आज मैं एक नई विद्यालय में आया हूं। मेरा विद्यालय में पहल दिन है।
- विद्यालय काफी बड़ा और सुंदर है।
- विद्यालय के चारो तरफ बहुत बड़े खेलने के मैदान भी हैं।
- मेरा एडमिशन कक्षा 9वी में हुआ था।
- मै प्राचार्य के ऑफिस में जाकर अपने कक्षा का पता पूछा, जिसके बाद प्राचार्य जी ने मेरे कक्षा का पता बताया।
- मै जब अपने कक्षा में पहुंचा तो मेरे अध्यापिका उस समय बच्चो को पढ़ा रही थी।
- मैंने अन्दर आने के लिए आज्ञा मांगा।
- जब मैं अन्दर आया तो अध्यापिका ने मेरा परिचय लेते हुए। मुझे बैठने का निर्देश दिए।
- मैं जाकर एक सीट पर बैठ गया, थोड़ी देर बाद मैंने एक विद्यार्थी से नोटबुक काम करने के लिए मांगा।
- वह विद्यार्थी मेरा पहला दोस्त भी बना, और इस प्रकार मेरा नए विद्यालय का प्रथम दिन रहा।
निष्कर्ष स्कूल पर निबंध
आज आपने जाना कि एक विद्यालय में प्रथम दिन पर निबंध किस प्रकार लिख सकते हैं। आशा करता हूं कि आपको हमारा निबंध पसंद आया होगा। अगर आपको किसी अन्य विषय पर निबंध चाहिए तो आप हमें कॉमेंट में जरूर बताएं
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